The correct balance between prayers and asking something from God
In this Hindi discourse dated 7th October 2004, Sadguru Shree Aniruddha Bapu correlates the functioning of the heart, intestines and respiration with our desires and prayers. Bapu explains how vital the pacemaker is for our survival and thus, its connection with God. Furthermore, he guides us on how we can establish the right balance between praying to God and asking for the fulfillment of our desires.
७ अक्तूबर २००४ के अपने प्रवचन में, सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू हमारी इच्छाओं और प्रार्थनाओं के साथ होनेवाले हृदय, अंतड़ी और श्वसनक्रिया के संबंध के बारे में समझाकर बताते हैं। बापू बताते हैं कि हृदय का पेसमेकर हमारे जीवित रहने के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है और भगवान के साथ इसका क्या संबंध है। इसके अलावा, भगवान की प्रार्थना करना और भगवान से अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए याचना करना, इन दोनों के बीच हम सही संतुलन कैसे स्थापित कर सकते हैं, इसका मार्गदर्शन भी बापू यहाँ करते हैं।
|| हरि: ॐ || ||श्रीराम || || अंबज्ञ ||