चीन में कोरोना प्रतिबंध के खिलाफ बड़ा आंदोलन

प्रतिबंध शिथिल करने के संकेत देकर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने प्रदर्शनकारियों पर की कार्रवाई – हाँगकाँग की जनता ने प्रदर्शनों का किया समर्थन

बीजिंग/शांघाय – ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के विरोधकों को काबू में करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने तेज़ी से कदम उठाना शुरू किया है। लगातार चार दिनों से हो रहे इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए चीन ने राजधानी बीजिंग समेत बड़े शहरों में सुरक्षा बडे पैमाने पर बढ़ाई है। साथ ही प्रदर्शनों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हुई तीव्र प्रतिक्रियाओं के मद्देनज़र कोरोना दौर में लगाए गए प्रतिबंध शिथिल करने के संकेत दिए हैं। चीन की हुकूमत की इन गतिविधियों के बीच ही हाँगकाँग की जनता ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ प्रदर्शनों का समर्थन करने का वृत्त सामने आया है। 

कुछ महीने पहले चीन के आर्थिक केंद्र शांघाई में कोरोना का विस्फोट होने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई थी। इसके बाद चीन ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करेगा, यह संकेत दिए गए थे। लेकिन, वास्तव में राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग और उनके करीबी नेताओं ने इस नीति का आक्रामकता से समर्थन किया था। साथ ही दूसरी ओर चीन में कोरोना संक्रमण तेज़ होने के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़ने का चित्र भी सामने आ रहा था। इसकी वजह से जनता में नाराज़गी काफी बढ़ रही थी। पिछले हफ्ते झिंजियांग में हुई वारदात के बाद चीनी जनता की नाराज़गी का विस्फोट हुआ। देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों में जनता ने सड़क पर उतरकर कोरोना प्रतिबंधों के अलावा इसे जारी करने वाली कम्युनिस्ट हुकूमत का तीव्र निषेध किया। यह चीन के शासकों को अचरज में डालनेवाली घटना थी।

चीन में जारी प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर वैश्विक शेअर बाज़ारों में गिरावट – कच्चे तेल की कीमतें भी उतरीं 

लंदन/बीजंग – चीन में हो रहे प्रदर्शन का बढ़ता दायरा और ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से अर्थव्यवस्था को लग रहे झटकों की पृष्ठभूमि पर सोमवार को विश्व के शेअर बाज़ारों में बड़ी गिरावट आई। यूरोप में ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी और एशिया के जापान, दक्षिण कोरिय, सिंगापुर और भारत के शेअर बाज़ारों गिरावट देखी गई। साथ ही कच्चे तेल की कीमतें भी तीन प्रतिशत गिरावट के साथ प्रति बैरल ८० डॉलर के करीब पहुँचीं। इस बीच अमरिकी डॉलर एवं चीन के युआन के मूल्य में भी गिरावट आई।

चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है और उसी मात्रा में प्रतिबंध भी अधिकाधिक सख्त हो रहे हैं। इसकी वजह से चीन की जनता में तीव्र असंतोष है और पिछले हफ्ते से लगातार प्रदर्शन जारी हैं। विश्व की दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई देने लगी है। उत्पादन, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैश्विक सप्लाई चेन जैसे तीनों क्षेत्रों में चीन शीर्ष स्थान पर है। लेकिन, कोरोना प्रतिबंधों की वजह से इन सबको बड़े झटके लगे हैं और निवेशकों में बेचैनी फैली है।

कम्युनिस्ट हुकूमत की दमन नीति ठुकराकर चीन में तीसरे दिन बढ़ा कोरोना विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन – कोरोना मामले ४० हज़ार से अधिक बढे

बीजिंग/शांघाय – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने जनता पर की हुई कार्रवाई के बावजूद कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ चीनी नागरिकों के मन में उभरी असंतोष की तीव्रता कम नहीं हुई है। लगातार तीसरे दिन चीन के विभिन्न शहरों के नागरिक अन्याय ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ भारी संख्या में सड़कों पर उतरे। रविवार रात एवं सोमवार को चीन के १५ से अधिक शहरों में यह प्रदर्शन फैले हैं। इनमें राजधानी बीजिंग से कोरोना के उद्गम स्थान माने जा रहे वुहान शहर का भी समावेश है। इस बढ़ते समर्थन के कारण चीन की हुकूमत में बेचैनी निर्माण हुई है और चीनी जनता की नाराज़गी अभूतपूर्व है, ऐसी प्रतिक्रिया चीन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी विक्टर गाओ ने दर्ज़ की।

झिंजिआंग प्रांत में पिछले हफ्ते हुई आगज़गनी की घटना के बाद चीनी जनता में ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ तीव्रता से असंतोष उमड रहा है। शुरू में सिर्फ स्थानीय प्रशासन को लक्ष्य करने वाले इन प्रदर्शनकारियों ने बाद में सीधे कम्युनिस्ट हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू किया है। चीन के प्रमुख शहरों के साथ शीर्ष युनिवर्सिटीज्‌‍ में भी इसकी गूंज सुनाई पड़ी। आम नागरिकों के साथ छात्रों ने ‘ब्लैंक पेपर’ हाथों में थामे निषेध दर्ज़ किया है। इस बढ़ते प्रदर्शनों के खिलाफ कम्युनिस्ट हुकूमत ने हमेशा की तरह कार्रवाई शुरू की है।

राजधानी बीजिंग समेत चीन की प्रमुख युनिवर्सिटीज्‌‍ में कोरोना प्रतिबंध विरोधी बड़े प्रदर्शन – कोरोना संक्रमितों के नए मामले ४० हज़ार के करीब

बीजिंग/शांघाय – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने जनता पर की हुई कार्रवाई के बावजूद कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ चीनी नागरिकों के मन में उभरी असंतोष की तीव्रता कम नहीं हुई है। लगातार तीसरे दिन चीन के विभिन्न शहरों के नागरिक अन्याय ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ भारी संख्या में सड़कों पर उतरे। रविवार रात एवं सोमवार को चीन के १५ से अधिक शहरों में यह प्रदर्शन फैले हैं। इनमें राजधानी बीजिंग से कोरोना के उद्गम स्थान माने जा रहे वुहान शहर का भी समावेश है। इस बढ़ते समर्थन के कारण चीन की हुकूमत में बेचैनी निर्माण हुई है और चीनी जनता की नाराज़गी अभूतपूर्व है, ऐसी प्रतिक्रिया चीन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी विक्टर गाओ ने दर्ज़ की। 

झिंजिआंग प्रांत में पिछले हफ्ते हुई आगज़गनी की घटना के बाद चीनी जनता में ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ तीव्रता से असंतोष उमड रहा है। शुरू में सिर्फ स्थानीय प्रशासन को लक्ष्य करने वाले इन प्रदर्शनकारियों ने बाद में सीधे कम्युनिस्ट हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू किया है। चीन के प्रमुख शहरों के साथ शीर्ष युनिवर्सिटीज्‌‍ में भी इसकी गूंज सुनाई पड़ी। आम नागरिकों के साथ छात्रों ने ‘ब्लैंक पेपर’ हाथों में थामे निषेध दर्ज़ किया है। इस बढ़ते प्रदर्शनों के खिलाफ कम्युनिस्ट हुकूमत ने हमेशा की तरह कार्रवाई शुरू की है।

कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ चीन के ‘आयफोन फैक्टरी’ में हुए प्रदर्शन – ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ में बदलाव लाने की मुद्रा कोष की सलाह

बीजिंग – चीन में कोरोना संक्रमण फिर से तेज़ होने से शासक कम्युनिस्ट पार्टी ने इस महामारी के विरोधी प्रतिबंध अधिक सख्त किए हैं। हुकूमत के इन सख्त प्रतिबंधों के खिलाफ जनता तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ कर रही है। विश्व की सबसे बड़ी ‘आयफोन फैक्टरी’ के झेंगझोऊ शहर में कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए। प्रतिबंध शिथिल करें एवं अतिरिक्त पैसे दें, ऐसी मांगे इन कर्मचारियों ने करने की बात कही जा रही है। कोरोना की महामारी के खिलाफ चीन की हुई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का असर वैश्विक स्तर पर भी देखा गया है। कोरोना संबंधित सख्त नीति में बदलाव लाएं, ऐसी सलाह मुद्रा कोष ने दी है।

पिछले कुछ दिनों से चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी दिख रही है। पिछले शुक्रवार को चीन में २५ हज़ार से अधिक नए मामले सामने आए थे। मंगलवार को यही संख्या बढ़कर २९ हज़ार हुई और राजधानी बीजिंग समेत प्रमुख शहरों में यह वृद्धि दिखाई दी है। पिछले कुछ हफ्तों से विभिन्न शहरों में लॉकडाऊन के बावजूद संक्रमितों की संख्या बढ़ने से चीनी यंत्रणा की चुनौती अधिक कड़ी हुई है। कोरोना के ‘ओमीक्रॉन’ वेरिएंट के विभिन्न उप-प्रकार चीन में पाए गए हैं और कुछ वेरिएंट विदेश से यहा पहुँचने की बात कही जा रही है।

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