बच्चे का जन्म यह माँ और बच्चे के बीच का युद्ध नहीं है, बल्कि एक स्वाभाविक प्रक्रिया है (The Childbirth is a natural process and not a conflict between Mother and Child) - Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने २८ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में 'बच्चे का जन्म यह माँ और बच्चे के बीच का युद्ध नहीं है, बल्कि एक स्वाभाविक प्रक्रिया है’, इस बारे में बताया।
बच्चा जब जनम लेता है, तब भी कितना संघर्ष होता है उसके लिये। युद्ध नहीं वो करता अपनी माँ के साथ, उसकी माँ भी उसके साथ युद्ध नही कर रही।
ये सोचिये जो बालक, एक very comfortable atmosphere में, खुश, आरामदायी वातावरण में रह रहा है, उसे अभी उसी घर की दीवारें यानी गर्भाशय की वॉल्स, they are contracting, वो आकुंचन प्रसरण की क्रिया हो रही है, मसल्स की और वो गर्भ नीचे फेंका जा रहा है। बच्चे को कु़छ दिख नही रहा, पूरा डार्कनेस है बाजू में, वो canal में और यकायक बाहर आ जाता है। Alone in the world, मैं अकेला हूँ, मानव के लिये हमेशा का डर, मैं अकेला ना रहूं। मै अकेला ना हो जाऊं।
separation from the mother, सबसे बडा fear, मैंने एक साल पहले भी बताया था, सबसे बडा डर हमारे मन में क्या है? separation, separation from the God, separation from the Mother, जिसके उदर में मैं नौ महिने था, सुरक्षित था, ना खाना खाना पडता था, ना पानी पीना पडता था, सब कुछ अंदर। माँ ही हमारा सब कुछ, यहॊं तक कि मल भी अंदर लेती थी। जब बाहर आ जाते हैं, तो डर पैदा हो जाता है। और बाहर आने के बाद भी, पहली बार वो साँस लेता है, उसे कुछ करना पड रहा है, अभी देखिये, तो रोना भी आता है।
पहली साँस यानी पहला रोना, पहला रोना यानी पहला साँस। ये बच्चे के जनम लेते समय ये माँ के लिये भी संघर्ष है, और बच्चे के लिये भी संघर्ष है। ये संघर्ष है, ये युद्ध नहीं है।
बच्चे का जन्म यह माँ और बच्चे के बीच का युद्ध नहीं है, बल्कि एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, इस बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।