शिव सहपरिवार पूजन
गुरुवार, २० जून २०१९, सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने सभी श्रद्दावानों को सावन मास का महत्व बताया। उन्होंने शिवजी के परिवार के बारे में बताया और शिव सहपरिवार पूजन की जानकारी दी। तब बापूजी ने कहा, "सावन का महीना श्रवणभक्ति (परमात्मा की महीमा/गुणसंकीर्तन सुनना) और शिवजी की भक्ति का महीना है।
जब हम भगवन शिव के परिवार की कल्पना करते हैं तो हम भगवान शिव, माता पार्वती और उनके दो पुत्र गणेशजी और कार्तिकजी का चित्र बनाते हैं।
परन्तु हम भगवान शिव की दो पुत्रियां, बालाविशोकसुंदरी और ज्योतिर्मयी के बारे में नहीं जानते।" सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ३० जून के कथामंजिरी-११ में श्री शिव परिवार के बारे में भी बताया।
इको फ्रेंडली गणेश मूर्ती
श्री अनिरुद्ध उपासना फाउंडेशन बहुतसारे श्रद्धावानों की सहायता से ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां बनाने का कार्य करता है। सन २००५ से सद्गुरु श्रीअनिरुद्धजी के मार्गदर्शन पर ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां बनाने की सेवा जारी है।
ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति बनाने की पद्धति को पेटेंट करने का मौका होने के बावजूद फाउंडेशन ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया ताकि, अधिक से अधिक लोग इसका उपयोग कर पाएं और पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दे सकें। इस वर्ष की ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियों का विवरण निम्नलिखित है :
मुंबई में बनाई गई मूर्तियों की संख्या |
१६५० |
मुंबई में भाग लेने वाले केंद्रों की संख्या |
३९ |
मुंबई में पेंटिंग स्टेशन |
७ |
अन्य केंद्र |
महाराष्ट्रा - १५,
कर्नाटक - १ आणि
गोवा- १ |
कुल मूर्तियों बनाई गईं |
३००० |
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अनिरुद्धाज् अॅकॅडमी ऑफ डिझास्टर मॅनेजमेंट
कोल्हापुर, सांगली, सतारा, पुणे और सोलापुर जिलों में ४ लाख से अधिक लोग अभूतपूर्व बाढ से प्रभावित थे। इन पांच जिलों में फैले ६९ तालुकाओं में ७६९ गाँव गंभीर रूप से प्रभावित थे। भारतीय सेना, नौसेना और NDRF ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जिलों में बचाव कार्य किया। इन एजेंसियों के साथ, अनिरुद्धाज् एकाडमी ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (एएडीएम) ने भी बचाव और राहत सेवाओं में बडी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कई क्षेत्रों में डिजास्टर मैनेजमेंट वॉलंटीर्स (DMVs) ने राफ्ट का उपयोग करके बाढ़ में फंसे कई लोगों को बचाया। DMVs ने पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मदद से 'भीड़ नियंत्रण' का महत्वपूर्ण कार्य भी किया। उन्होंने कई परिवारों के घरेलू सामान को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में मदद की। सांगली जेल में बाढ़ का पानी भर जाने के कारण वहां फंसे हुए पुलिस कर्मियों को भी DMVs ने सुरक्षित निकाला।
बचाव और राहत कार्यों में DMVs की सहायता करने में हैम रेडियो ने बडी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब मोबाइल नेटवर्क नाकाम था और बिजली भी नहीं थी तब राहत कार्यों में लाइसेंस प्राप्त DMVs हैम रेडियो की सहायता से आपस में सम्पर्क और समन्वय रख पाए थे।
अनिरुद्धाज् एकाडमी ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (एएडीएम) ने जरूरतमंदों को पीने का पानी, भोजन, कपड़े और अनाज प्रदान किया।
कराड और आस-पास के इलाकों के DMVs ने राहत कार्य में भाग लिया। राष्ट्रीय राजमार्ग ४ पर दो दिनों से फंसे हुए ५०० ट्रक चालकों के बारे में खबर मिलते ही एक घंटे के भीतर अनिरुद्धाज् एकाडमी ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट के 'DMVs' ने उनके लिए भोजन की व्यवस्था की।
बाद में, ’पुराना ही सोना’ परियोजना के तहत, कई श्रद्धावानों ने मदद का हाथ बढाया।
सदगुरु श्री अनिरुद्धजी ने "पुराना ही सोना’ परियोजना अपने १३-सूत्री-कार्यक्रम के एक भाग के रूप में शुरू किया था।
शइस बाढ़ से प्रभावित लोगों को आधार प्रदान करने हेतु श्रद्धावानों ने कपड़े और अन्य घरेलू चीजें दान कीं।
अब तक लगभग १७,०००+ कपड़े, जिनमें टी-शर्ट, पतलून, कंबल और बच्चों के कपड़े और ७०००+ अन्य घरेलू चीजों के पैकेट शामिल हैं जैसे अनाज, दालें, गेहूं का आटा, चाय पत्ती, टूथपेस्ट आदि मुम्बई स्थित उपासना केंद्रों द्वारा प्रदान किए गए।
समस्त महाराष्ट्र स्थित उपासना केंद्रों द्वारा ३०००+ कपड़े प्रदान किए गए।
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