तालिबानी हुकूमत में अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात

सार्वजनिक माफी का ऐलान करनेवाली तालिबान का क्रूर चेहरा विश्‍व के सामने आया

तालिबानी हूकमत

काबुल – पाकिस्तान की सहायता से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि चमकाने की कोशिश कर रही तालिबान ने अफ़गान सेना और विरोधियों के लिए सार्वजनिक माफी का ऐलान किया था। हमें शरण आनेवालों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करेंगे, यह कहकर तालिबान ने उनमें आया हुआ बदलाव दिखाने की कोशिश की। लेकिन, बीते चौबीस घंटों में तालिबान ने शरणागत हुए चार अफ़गान सेना अफसरों का कत्ल किया है। साथ ही अफ़गानिस्तान का राष्ट्रीय झंड़ा लहराकर तालिबान को विरोध जता रहे चार लोगों को गोलियों से भूनकर मार ड़ाला। साथ ही अफ़गानिस्तान की पहली महिला गवर्नर को भी तालिबान ने गिरफ्तार किया है। इस वजह से तालिबान में बदलाव होने के दावे खारिज़ किए गए हैं।

तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने मंगलवार के दिन अफ़गान समाचार चैनल को साक्षात्कार दिया। तालिबान का किसी से बैर नहीं है और हमारे नेता ने किए ऐलान के अनुसार तालिबान ने सबको माफ किया है, यह बयान मुजाहिद ने किया था। साथ ही हर दिन अफ़गानिस्तान की स्थिति में सुधार होने का दावा करके महिलाओं पर बुरके का बंधन नहीं होगा, यह ऐलान भी मुजाहिद ने किया था। तालिबान के इस ऐलान का पाकिस्तान में मौजूद उसके समर्थकों ने स्वागत किया था। लेकिन, इसके चौबीस घंटे पूरे होने से पहले ही तालिबान में किसी भी तरह का बदलाव ना होने की बात स्पष्ट हुई।

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अमरुल्लाह सालेह के नेतृत्व में ‘नॉर्दन अलायन्स’ के तालिबान पर हमले जारी

बझारक – अश्रफ गनी ने पलायन करने के बाद, खुद को ही अफगानिस्तान का राष्ट्राध्यक्ष घोषित करनेवाले अमरुल्ला सालेह ने, तालिबान के आतंकियों के कब्ज़े से चरीकर इलाका वापस हासिल किया। दो दशक पहले अफगानिस्तान में तालिबान के विरोध में संघर्ष करने वाले ‘नॉर्दन अलायन्स’ के साथ सालेह ने मोरचा बनाया है। तालिबान विरोधी गुट सालेह के नेतृत्व में एकत्रित आ रहे हैं। ताजिकिस्तान ने भी, सालेह ये ही अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष है, ऐसा कहा है।

अफगानिस्तान के परवान प्रांत के चरीकर इलाके पर तालिबान के आतंकियों ने कब्ज़ा किया था। लेकिन सालेह के नेतृत्व में जमा हुई टोलियों ने, चरीकर का नियंत्रण पुनः हासिल करके तालिबान के आतंकियों को खदेड़ दिया। उसके बाद इन टोलियों ने ‘नॉर्दन अलायन्स’ का ध्वज चरीकर इलाके में फहराया। पंजशीर प्रांत की सड़कों में जगह-जगह पर ‘नॉर्दन अलायन्स’ के ध्वज लहरा रहे होने के फोटोग्राफ्स और वीडियो सामने आ रहे हैं। वहीं, पंजशीर पर कब्ज़ा करने के लिए तालिबान के आतंकियों ने कुछ जगहों पर हमले शुरू किए होने की खबरें आ रही हैं।

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चीन और पाकिस्तान भी तालिबान पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं हैं

हुकूमत

बीजिंग/इस्लामाबाद – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने तालिबान को स्वीकृति देने की तैयारी रखने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और अन्य नेता एवं चरमपंथी तो अफ़गानिस्तान में तालिबान को प्राप्त हुई कामयाबी का जोरदार स्वागत कर रहे हैं। इसके बावजूद यह दोनों देश तालिबान की ओर अभी भी आशंका से देखते दिखाई दे रहे हैं। इसी कारण अफ़गानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल हमारे खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए होने नहीं देना चाहिये, यह इशारा चीन ने तालिबान को दिया है। तभी, पाकिस्तान ने तालिबान की हुकूमत को इतनी जल्दी मंजूरी ना देने का ऐलान किया है।

वर्ष १९९६ में अफ़गानिस्तान में तालिबान की क्रूर हुकूमत स्थापित होने के बाद इसे स्वीकृति देनेवाले देशों में पाकिस्तान सबसे आगे था। इस बार भी तालिबान ने अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद पाकिस्तान में जल्लोष का माहौल  हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने तो तालिबान ने विदेशियों की गुलामी के जंजीरें तोड़कर अफ़गानिस्तान को मुक्त किया है, यह दावे भी किए थे। इस पर पाकिस्तान में ही आलोचना हुई थी और इम्रान खान के इस गैरज़िम्मेदाराना बर्ताव की पाकिस्तान को कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसे इशारे ज्येष्ठ पत्रकारों ने दिए हैं।

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तालिबान के आतंक की वजह से अफ़गानिस्तान छोड़ने के लिए जानलेवा कोशिश जारी - काबुल हवाई अड्डे पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में ७ की मौत

हुकूमत

काबुल – तालिबान की क्रूर हुकूमत के आतंक से ड़रे हुए अफ़गान नागरिकों ने हर संभव मार्ग से इस देश को छोड़ने की तैयारी जुटाई है। दूसरे देश में प्रवेश करने का अवसर प्राप्त करने के लिए अफ़गान नागरिक अपनी जान भी दांव पर लगा रहे हैं। इसलिए काबुल हवाई अड्डे पर नागरिकों की बड़ी भीड़ उमड़ी थी। अमरिकी विमान में घुसपैठ करनेवालों को रोकने के लिए अमरिकी सैनिकों ने गोलीबारी करने से पांच की मौत हुई। इसके अलावा अफ़गानिस्तान छोड़ने के लिए विमान में जगह प्राप्त ना होने से विमान के पहियों पर संवार होकर यात्रा करने की कोशिश करनेवाले दो नागिरकों की विमान ने उड़ान भरने के बाद नीचे गिरने से दर्दनाक मौत हुई। यह एक ही बात अफ़गानिस्तान की बेहाल स्थिति का अहसास कराने के लिए काफी होगी।

तालिबान के दूसरे क्रमांक के नेता मुल्ला बरादर ने रविवार के दिन अपने साथियों को लूटमार ना करने के आदेश दिए थे। लेकिन, तालिबान के आतंकियों ने अफ़गानिस्तान के अलग अलग हिस्सों में लूटमार, महिलाओं का उत्पिड़न करने की खबरें सामने आ रही हैं। अफ़गान नागरिकों ने आत्मसुरक्षा के लिए रखी बंदूकें एवं राइफल्स भी तालिबानीयों ने अपने कब्ज़े में किए हैं। राजधानी काबुल में राष्ट्राध्यक्ष के निवास, संसद की इमारत, अंदरुनी सुरक्षा मंत्रालय में तालिबानी आतंकियों ने प्रवेश करने की बात सामने आ रही है। अफ़गानिस्तान के सबसे बड़े बगराम हवाई अड्डे पर कब्ज़ा करके वहां से तालिबानियों ने अपनें हज़ारों साथियों को रिहा किया।

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तालिबानी हूकमत के कार्यकाल में अफ़गानिस्तान में नशीले पदार्थों के ब्योपार में बढ़ोतरी होने के संकेत

हुकूमत

काबुल – अफ़गानिस्तान में फिर से तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के बाद नशीले पदार्थों का कारोबार अधिक बढ़ने के संकेत दिए गए हैं। बीते महीने में तालिबान ने अफ़गानिस्तान की सरकार के विरोध में आक्रामक मुहिम शुरू करने के बाद नशीले पदार्थों की तस्करी करने के लिए अहम शहरों एवं प्रांतों पर कब्ज़ा किया था, इस ओर भी विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया है। बीते कुछ वर्षों में अफ़गानिस्तान में अफीम की खेती के क्षेत्र में ३७ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और इसमें से अधिकांश बढ़ोतरी तालिबान के क्षेत्र में हुई थी, यह रपट संयुक्त राष्ट्र संगठन ने पेश की थी।

अफीम की खेती और नशीले पदार्थों का कारोबार ही तालिबान के आर्थिक सहायते का प्रमुख घटक होने की बात अंतरराष्ट्रीय स्तर के अलग अलग रपटों से सामने आयी है। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान के खिलाफ शुरू की हुई आक्रामक मुहिम के तहत अफ़गानिस्तान में अफीम की खेती वाले क्षेत्रों एवं कारखानों पर हमले किए थे। लेकिन, इसके बाद तालिबान ने फिर से नशीले पदार्थों के कारोबार पर वर्चस्व प्राप्त किया है और इसे पाकिस्तानी यंत्रणाओं का भी सहयोग मिलने की बात समझी जाती है।

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