डस्ट बोल – भाग ४
उस काल में पड़ने वाला जोरदार आकाल, जो कुछ भी शेष रह गया था उसे भी ना के बराबर करनेवाले जोरदार धुएँ के बादल इसके साथ ही महामंदी इन से इस समयविशेष को ही डर्टी थर्टीज अथवा डस्टबोल् के रुप में जाना-पहचाना जाता है।
उस काल में पड़ने वाला जोरदार आकाल, जो कुछ भी शेष रह गया था उसे भी ना के बराबर करनेवाले जोरदार धुएँ के बादल इसके साथ ही महामंदी इन से इस समयविशेष को ही डर्टी थर्टीज अथवा डस्टबोल् के रुप में जाना-पहचाना जाता है।
इन गुलामों को अमेरिका में ले आने के लिए उसी प्रकार यूरोप में ले जाने के लिए अक्षरश: उन्हें जहाजों में भेड़-बकरियों की तरह ठूस दिया जाता था।
डस्ट बोल – भाग २ -सबराहन देश माने जाने वाले इथिओपियाने तो पिछली सदी से ही अनेक दुर्भिक्षों का सामना किया है और अब भी कर ही रहा है| परन्तु सुदान के साथ केनिया, सोमालिया जैसे द
२०१४ में सितंबर तक कुल मिलाकर ३००० से अधिक अफ्रीकन नागरिकों ने इस स्थानांतरण के दौरान अपनी जान गंवा दी है। यही संख्या २०१३ में १५०० थी। अर्थात् इसमें दुगुणी गति से वृद्धि हुई है। अफ्रीका से यूरोप में होनेवाले स्थानांतरण के दौरान मृत्यु के मुख में जाने वालों की संख्या हर साल बढ़ती ही चली जा रही है। इससे हमें इन बातों का पता चलता है।