बापू गजर - दाऊ के नाव में
दाऊ के नाव में
दाऊ की नाव में बैठे हुए हम निकले हैं बापू के गाव रे,
दाऊ ले चल हमें।
तेरे सिवा दाऊ कोई नहीं है माजी इस सारे संसार में,
दाऊ ले चल हमें।।
दाऊ की नाव में बैठे हुए हम निकले हैं बापू के गाव रे,
दाऊ ले चल हमें।
एक ही है नाव चले बापू के गाँव, मेरे दादा की नाव चले बापू के गाँव।
सुचितदाऊ की नाव चले बापू के गाँव, सुचितदादा की नाव चले बापू के गाँव॥
ले चल हमें दाऊ ले चल हमें, मेरे बापू के गाँव दाऊ ले चल हमें।